दिव्य चिकित्सा भवन - आयुर्वेद एवं पंचकर्म के लिये समर्पित

दिव्‍य चिकित्‍सा भवन की स्‍थापना मर्यादा पुरुषोत्‍तम श्रीराम की तपस्‍थली, चित्रकूट धाम मण्‍डल के "बॉंदा" जिले में की गयी है। यह उत्‍तर भारत का एक प्रथम आयुर्वेद इण्‍डोर हास्पिटल है जो अपनी स्‍थापना काल से ही रोगियों से भरा रहता है। इस अस्‍पताल की स्‍थापना 1992 में आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धन्‍वन्‍तरि की जयंती के दिन की गयी थी।

यह हास्पिटल नॉन फ्राफिटेबल चेरिटेबल संस्‍थान के रुप में चलाया जा रहा है। जिन रोगों का उपचार एलोपैथी में नहीं है उनकी चिकित्‍सा सेवा प्रदान करना इस अस्‍पताल का प्रमुख उददेश्‍य है।

दिव्‍य चिकित्‍सा भवन में प्राचीन एवं आधुनिक निदान (डायग्‍नोस्टिक) प्रक्रिया को अपनाकर आयुर्वेदीय पंचकर्म द्वारा शरीर शोधन (Purification therapy) कर आयुर्वेदीय चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था की जाती है।

60 बेड का यह आयुर्वेद हास्पिटल पूर्णतया शहर के कोलाहल, प्रदूषण से दूर पूर्ण प्राक़तिक स्‍थान पर संचालित किया जा रहा है। जहॉं प्रतिवर्ष लगभग 500 से अधिक गुर्दा और मधुमेह के रोगी जिन्‍हें एलोपैथिक में डायलेसिस कराने के लिए कह दिया जाता है वे चिकित्‍सक के बताये निर्देशों के अनुसार चिकित्‍सा कराकर लाभान्वित होते हैं।

दिव्‍य चिकित्‍सा भवन में लगभग 500 से अधिक गुर्दा, मधुमेह के रोगी प्रतिवर्ष तथा अन्‍य रोगों के लगभग 6000 रोगी चिकित्‍सा सेवा प्राप्‍त करते हैं।

Treatments available at Divya Chikitsa Bhawan

ह्रदय रोग - उदरवायु (गैस) - अम्‍लपित्‍त (एसिडिटी) - आंत्रशोथ (कोलाइटिस) - मधुमेह - ह्रदय की धमनियों का अवरोध - अग्‍न्‍याशय शोथ - पथरी - यक्रत (लीवर) के विकार - पीलिया - प्‍लीहाव्रद्धि - थैलिसीमिया - सिकल सेल एनीमिया - गलगण्‍ड - थायराइड - मोटापा - रक्‍तचाप – श्‍वास, दमा - ईसिनोफीलिया - सूजन - कैंसर की प्रथमावस्‍था - स्‍तन कैंसर - पक्षाघात (लकवा) - गठिया वात - आमवात - सियाटिका - पुराना बुखार - मन्‍द ज्‍वर - मुत्ररोग - बवासीर - चर्मरोग - सोरायसिस - सफेद दाग - फफोले - शीतपित्‍त - क्रमिरोग - कब्‍ज - नपुंसकता - शीघ्रपतन - बन्‍ध्‍यापन - शुक्राणु अल्‍पता - ओजक्षय - अप्राक़तिक मैथुन - हिचकी - खॉंसी - अतिसार - जलोदर - अरुचि - अग्निमांद्य - अजीर्ण - टायफायड ज्‍वर - हिटीरिया - मिर्गी - अनिद्रा - स्‍नायुदौर्बल्‍य - कम्‍पवात - दुर्बलता - बच्‍चों का शारीरिक मानसिक विकास का न होना - उन्‍माद - भ्रम रोग - डिप्रेशन - सीजोफ्रीनिया - अतत्‍वाभिनिवेश (ओबेसिव डिसार्डर) - मैनिया - साइकोसिस - पैरानोइया - मूड डिसार्डर - न्‍यूरोस्‍थेनिया - ओबेसनल कम्‍पसिव न्‍यूरोसिया - राजयक्ष्‍मा (टी-वी) - अस्थिमार्दव (‍हड्डियों के विकार) - व़क्‍कसन्‍यास (किडनी फेल्‍योर) - गर्भाशय सिस्‍ट-अर्बुद - श्‍वेत प्रदर - रक्‍तप्रदर – कष्‍ट के साथ मासिक धर्म आना - घबराहट - रक्‍ताल्‍पता (खून की कमी) - झाई - मुहांसे - याददाश्‍त की कमी - फोडा-फुन्‍सी आदि।

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