गोशाला

आयुर्वेद चिकित्‍सा में "गो" दुग्‍ध, गोघ़त, पंचगव्‍य का बहुत ही महत्‍व है। प्राणरक्षक, शरीर पोषक, रोग निवारक शक्ति जैसी गोघ्रत, गो दुग्‍ध, गो तक्र में पायी गयी है वह किसी अन्‍य जीव के दूध-घी में नहीं है।

दिव्‍य चिकित्‍सा भवन में चिकित्‍सा करा रहे रोगियों को ओरीजनल गोदुग्‍ध, गोघ्रत, गो तक्र, तथा गो दधि मिल सके इसके लिए यहॉं तक एक गोशाला भी स्‍थापित की गयी जिसमें केवल देशी गायों को रखा गया है।

औषधि उद्यानशाला (Medicinal Herbarium)

दिव्‍य चिकित्‍सा भवन में औषधीय उद्यानशाला बनायी गयी है जिसमें 100 से अधिक औषधीय पौधे रखे गये हैं। इनकी संख्‍या बढती जा रही है।

आयुर्वेद नर्सिंग स्‍कूल

दिव्‍य चिकित्‍सा भवन परिसर में उत्‍तर प्रदेश शासन द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त "आयुर्वेद नर्सिंग स्‍कूल" स्थित है जिसमें "बोर्ड" द्वारा चयनित छात्रायें शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्‍त कर रही हैं और दिव्‍य चिकित्‍सा भवन में चिकित्‍सा करा रहे रोगियों की अत्‍यन्‍त संवेदना और सेवाभाव से सेवा भी कर रही हैं।

आयुर्वेदिक औषधि निर्माण यूनिट

चिकित्‍सा में औषधियों का विशेष महत्‍व होता है। चिकित्‍सा का परिणाम औषधियों पर भी निर्भर होता है। इसलिए दिव्‍य चिकित्‍सा भवन की चिकित्‍सा टीम द्वारा केवल और केवल प्रामाणिक औषधियों का ही चुनाव किया जाता है। इसके लिए या तो प्रामाणिक, विश्‍वसनीय फार्मेसियों द्वारा निर्मित औषधियों का दिव्‍य चिकित्‍सा भवन में प्रयोग होता है या दिव्‍य चिकित्‍सा भवन में निर्मित औषधियों का प्रयोग किया जाता है।

रोगियों को श्रेष्‍ठ औषधियॉं मिल सकें इसके लिए "औषधि निर्माण यूनिट" संचालित की जा रही है।

जडी - बूटियों का संग्रह

"दिव्‍य चिकित्‍सा भवन" में ताजी, गुणवत्‍ता युक्‍त और श्रेष्‍ठ जडी बूटियों का संग्रह किया जाता है। दिव्‍य चिकित्‍सा भवन की चिकित्‍सा सफलता में इस संग्रह का विशेष महत्‍व है।

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